व्यक्ति में सभी योग्यता एक साथ होना सम्भव नहीं है इस लिए यह कहना कि किसी व्यक्ति को जिम्मेदारी नहीं देना चाहिए ये गलत है परन्तु किसी को बिना योग्यता के ही कुछ व्यक्तियों की चापलूसी के वजह से हर चीज की खास कर के देश की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती.
भारत देश में आज तक राहुल गाँधी और उनके पुरखो से से अधिक देश के प्रति लापरवाह राजनीति परिवार नहीं हुआ.
1. मोतीलालइंदिरा जी को देश की चिंता नहीं थी उससमय के सारे स्वतंत्रता सेनानी अपना सब कुछ देश को निव्चावर करते गए परन्तु मोतीलाल सिर्फ अपना घर भरते गए और अपना नाम बनाते गए.
2. जवाहरलाल जी भी सिर्फ अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते गए और सिर्फ मलाई ही खाते गए देशभक्तों के बलिदान का.
3. देश की आजादी के पहले और देश की आजादी के बाद जवाहर जी ने सिर्फ कुटिलता से सुभाषचंद्रजी को और जिन्ना को अपने रस्ते से हटाने के लिए इसबात की भी चिंता नहीं की कि इस सबका देश को कीमत चुकाना पड़ेगा.
4. आजादी के बाद देश की एकता के लिए सरदार पटेलजी ने जो किया उसको जवाहरलाल जी ने कश्मीर के मुददे पर जिसतरह का देश और कश्मीर की जनता और उस समय के कश्मीर के शासक के साथ ऐसा किया जो देश को आज तक भुगतना पद रहा है. देश का संबिधान संबिधान सभा ने आंबेडकरजी की अद्धयक्षता में बनाया. देश को एक पटेल जी ने किया. देश के उससमय के सभी नेताओ ने अपना योग दान किया.
5. इसके बाद इंदिराजी ने देश पुत्र मोहा में खूब लूटा देशके जवानों ने जिस देह केलिए पुर्वी पकिस्तान को आजाद कराया उसका तनिक भी उनको ध्यान नहीं रहा जब पूर्वी पाकिस्तान की जनता और उस समय के वहां के नेता भारत में मिलना चाह रहे थे फिर भी इंदिरा ने सिर्फ अपने को महान साबित करने के लिए बांग्लादेश बन्ने दिया. आज भी बंगला देश की लोग इसगलती की सजा भूगत रहे हैं.
6. राजीव जी ने भी उनकी माँ के मरने के बाद बदला लेने के लिए २ लोगों की गलती की सजा भारत की आधी आबादी को दे दिया. उन्होंने अपनी माँ के रहते हुए खुद और उनके भाई ने खूब लूटा भारत के बहार भारत से कलाकृतियाँ मुर्तिया इत्यादि विदेश में अपने चाहने वालो को विना किसी कानूनी प्रक्रिया के डेली. अरबों खरबों की धनराशि इस परिवार के लोगो के नाम विदेशों में जमा है.
7. राजीवजी के बाद सोनिया जी और राहुलजी ने या उनके बहनोई व बहन ने देश के लिए क्या किया कुछ नहीं कांग्रेस पता नहीं क्यूँ सोचती है की देश की जनता उनको किसी राजवंश के तरह समझती है ऐसा नहीं है. अगर है तो सिर्फ कुछ काँग्रेस के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए उनको सामने रख कर देश को गुमराह कर रहे हैं. राहुल और सोनियाजी दोनों ने क्या किया आज तक देश के लिए सिर्फ यह कहने के सिवाय कि उनके परिवार ने अपना बलिदान दिया.
क्या सिर्फ इस परिवार ने ही बलदं दिया है. और सारा भारत सिर्फ मजे लेता आया है.
यह सवाल अब सिर्फ सवाल बनकर नहीं रहेगा इसका जबाब अब देना पड़ेगा कोंग्रेस को इस परिवार के लोगों को और इनको अपने स्वार्थों में ताकत देनेवाले नेताओं को देश को.
अब नहीं अब नहीं हमरे पुरखो ने स्वराज माँगा था स्वराज के लिए बलिदान दिया पर कुछ स्वार्थी लोगो ने हमारे पुरखो को और अबतक हमें गुमराह करते रहें और अपना राज वंश स्थापित कर लिया जो अब नहीं वर्दास्त.
हम अपने पूर्वजो के सपने का सवराज और जो हमारा भी सपना है उसको हकीकत में ले कर रहेंगे.
अब देर नहीं अब अंधेर नहीं हमारी आत्मा जग चुकी अब इन देश के गद्दारों की आत्मा को जगाना है और इन राज वंशो का उन्मूलन करना है. पूर्ण स्वराज लेकर रहना है.
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